ज्योतिष संसार

कभी न कभी , किसी न किसी रूप में हम सब भ्रमित होते हैं क्योकि कुछ परिस्थितियां ऐसी बनती है जो आपके निश्चय को प्रभावित करती हैं। बुद्धि , ज्ञान, विवेक सब पीछे छूट जातें है और रह जाती है एक विकट अनिश्चितता । ऐसा लगने लगता है कि आपके कर्मो का फैसला एक अनजान शक्ति कर रही है जो आपको निश्चय करने से रोक रही है। आप जो कुछ भी करना चाहते है या जो फैसले ले रहे है , ठीक उसके विपरीत होता चला जाता है और आप विवश उस परिस्थति को स्वीकार करने को बाध्य हो जाते हे। जो लोग सोचते हैं कि वे अवसरों को पकड़ने में कोई चूक नहीं करते या उनका हर कदम सफलता का ही परिचायक है – वे भी कभी न कभी , किसी न किसी रूप में इस अनजान शक्ति के वशीभूत हो ही जाते है और अंतंतः भाग्य , प्रारब्ध, अनजान शक्ति , अध्यात्म सभी कुछ मानने पर विवश हो जाते है , ये बात और है कि ऐसे लोग जरा देर से स्वीकार करे हो सकता है कि जीवन के उत्तरार्द्ध में स्वीकार करें पर करते जरूर है। ये सब कुछ मानने या न मानने पर टिका हुआ है। जो लोग जब कभी भी मानने की परिस्थति में आ जाते हैं वो भ्रमित हो जाते  कि अब वो क्या करे। ऐसी परिस्थितियों मे ज्योतिष शास्त्र व ज्योतिष ज्ञाता सभी पहलुओं पर विचार करके आपको आपके मतिभ्रम व दिक्भ्र्ंम से बाहर निकालते हैं – आपको आपका निश्चित मार्ग चुनने में मदद करते हैं। अतः इसे अपने जीवन का आधार बनायें ओर विभ्रमित होने सें बचें।

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